नई दिल्ली। ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया की तरफ से पहले प्रस्ताव पर इनकार के बाद अब आखिरकर डॉक्टर रेड्डी को रूसी कोविड-19 वैक्सीन स्पूतनिक-वी के दूसरे और तीसरे चरण के ट्रायल को मंजूरी मिल गई है। रूस ने स्पूतनिक लांच करने के साथ दुनिया में सबसे पहले कोरोना वैक्सीन बना लेने का दावा किया था।
Good News: Russia’s Kovid-19 vaccine to be tested in India
New Delhi. After the refusal of the first proposal by the Drug Controller General of India, Dr. Reddy has finally cleared the second and third phase trials of Russian Kovid-19 Vaccine Sputnik-V. Russia claimed to be the first corona vaccine in the world with Sputnik launched.
डॉक्टर रेड्डी और रशियन डायरेक्ट इनवेस्टमेंट फंड (आरडीआईएफ) ने एक संयुक्त बयान में कहा- “यह एक बहु केन्द्र और यादृच्छित नियंत्रित अध्ययन होगा, जिसमें सुरक्षा और प्रतिरक्षाजनकता का अध्ययन किया जाएगा।”
स्पूतनिक-वी को रूस की तरफ से मंजूरी देने से पहले वहां पर कुछ ही लोगों पर इसका ट्रायल किया गया था, इसलिए ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) ने डॉक्टर रेड्डी के शुरुआती प्रस्ताव पर सवाल उठाए थे कि आखिर कैसे भारत की बड़ी आबादी पर इसका टेस्ट किया जाए।
वर्तमान में स्पूतनिक-वी का पोस्ट रजिस्ट्रेशन फेज-3 ट्रायल चल रहा है, जिसमें करीब 40 हजार प्रतिभागियों को शामिल किया गया है।
सितंबर महीने में डॉक्टर रेड्डी और आरडीआईएफ ने स्पूतनिक-वी के क्लिनीकल ट्रायल और भारत में इस वैक्सीन के वितरण को लेकर एक साझेदारी की थी। साझेदारी के तहत भारत को स्पूतनिक के 10 करोड़ खुराक दिए जाएंगे।
डॉ. रेड्डी लेबोरेटरीज के मैनेजिंग डायरेक्टर और को-चेयरमेन जीवी प्रसाद ने कहा- “हम पूरी प्रक्रिया में डीसीजीआई की वैज्ञानिक कड़ाई और मार्गदर्शन को स्वीकार करते हैं। यह बड़ी बात है कि जिसमें हमें भारत में क्लिनिकल ट्रायल को शुरू करने की मंजूरी मिली है और महामारी का सामना करने के लिए हम सुरक्षित और कारगर वैक्सीन लाने को लेकर प्रतिबद्ध है।”
दूसरी वैक्सीन ऐपिवेककोरोना को रूस में रजिस्टर्ड किया गया। तीसरी वैक्सीन के पहले और दूसरे चरण के ट्रायल के लिए नोवोसिबिर्स्क, सेंट पीटसबर्ग और किरोव के स्वास्थ्य केन्द्रों में क्लिनिकल ट्रायल की मंजूरी मिली है।